कैलोरी (Calorie) क्या है और इसे कैसे मापते हैं?
कैलोरी ऊष्मा या ताप को मापने की इकाई है. एक ग्राम पानी का तापमान एक डिगरी सेल्सियस बढ़ाने के लिए जितनी ऊष्मा की आवश्यकता होती है, उसे एक कैलोरी कहते हैं. इसे ग्राम कैलोरी भी कहते हैं. ऊष्मा को मापने के लिए हम एक बड़ी इकाई का भी प्रयोग करते हैं. इसे किलो कैलोरी कहते हैं. यह ग्राम कैलोरी से एक हज़ार गुना अधिक होती है.पाचन क्रिया में खाने के पदार्थों से पैदा होने वाली ऊष्मा को किलो कैलोरी में ही मापा जाता है.
हम जो भी भोजन करते हैं, पाचन क्रिया द्वारा उससे ऊष्मा ऊर्जा पैदा होती है. उदाहरण के लिए एक ग्राम प्रोटीन के पचने से चार कैलोरी और एक ग्राम वसा (Fat) से नौ कैलोरी ऊष्मा पैदा होती है. हर व्यक्ति की ऊष्मा की आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं. ये जरूरतें उसके शरीर के आकार और काम के अनुसार बदलती रहती हैं. सामान्यतौर पर बहुत छोटे बच्चे को 500 कैलोरी, आठ साल के बच्चे को 1000 कैलोरी, जवान औरत को 1300 कैलोरी और जवान लड़के को 1500 कैलोरी ऊष्मा की आवश्यकता होती है. छ: घंटे शारीरिक काम करने वाले व्यक्ति की आवश्यकता बढ़कर 2700 कैलोरी हो जाती है.
जब किसी आदमी का वजन सामान्य से अधिक होना शरू होता है, तो इसका अर्थ है कि वह जरूरत से ज्यादा कैलोरी ले रहा है और यही अतिरिक्त ऊष्मा मोटापे के रूप में जमा हो रही है. ऊष्मा हमें लगभग सभी प्रकार के भोजनों से प्राप्त होती है. अलग-अलग पदार्थों से पैदा होने वाली ऊष्मा की मात्राएं अलग-अलग होती हैं. उदाहरण के लिए 100 ग्राम गेहूं से 348 कैलोरी, 100 ग्राम मछली से 300 कैलोरी, 100 ग्राम आलू से 83 कैलोरी, 100 ग्राम चीनी से 394 कैलोरी, 100 ग्राम मक्खन से 793 कैलोरी, 100 ग्राम अण्डे से 155 कैलोरी ऊष्मा प्राप्त होती है.
किसी पदार्थ का कैलोरी मान यानी उससे पैदा होने वाली ऊष्मा को ज्ञात करने के लिए एक ग्राम पदार्थ को जलाया जाता है और जलने पर उससे पैदा होने वाली ऊष्मा को कैलोरीमीटर मामक यंत्र द्वारा माप लिया जाता है. यही ऊष्मा उस पदार्थ का कैलोरीमान बताती है. जैसे 12 ग्राम कोयले को जलाने से 94 कैलोरी ऊष्मा पैदा होती है. यदि कोई व्यक्ति ऐसा भोजन लेता है, जिससे उसकी कैलोरी आवश्यकता पूरी नहीं होती, तो उसका वज़न कम होता जाएगा. अधिक कैलोरी लेने पर उसे मोटापा आना शुरू हो जाएगा. अतः स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए संतुलित भोजन करना बहुत ही जरूरी है.