बरमूडा ट्राइएंगल को रहस्यमय क्यों माना जाता है?
बरमूडा ट्राइएंगल (Bermuda Triangle) या डेविल्स ट्राइऐंगल (Pevjile Triangle) अटलांटिक महासागर का एक ऐसा रहस्यमय त्रिभुजाकार क्षेत्र है, जिसमें पिछले दो सौ वर्षों से अब तक पचास से अधिक जलयान (Ships) और बीस से अधिक वायुयान गायब हो चुके हैं.इस क्षेत्र के एक ओर फ्लोरिडा (Florida), दूसरी ओर प्यूर्टो रिको (Puerto Rico) और तीसरी ओर बरमूडा नामक स्थान है. यह क्षेत्र 250 से 40° उत्तरी अक्षांश (Latitude) और 550 से 85° पश्चिमी देशांतर (Longitude) रेखाओं के बीच में फैला है. इसका क्षेत्रफल 3,900,000 वर्ग किमी. (1,500,000 वर्ग मील) है.
समुद्र के इस हिस्से में जैसे ही कोई जहाज़ पहुंचता है, वैसे ही उससे आने वाले रेडियो संकेत कट जाते हैं और सम्पर्क समाप्त हो जाता है. इस क्षेत्र में जहाज़ रहस्यमय तरीके से डब जाता है. सबसे रहस्यमय घटना मई, सन् 1968 में घटी, जब अमेरिका की परमाणु शक्ति से चलने वाली स्कॉरपियन' (Scorpion) नामक पनडुब्बी इस क्षेत्र में एकाएक गायब हो गई. इससे पहले दिसम्बर 1945 में पांच बमवर्षक वायुयान उड़ते हुए इसमें डूब गए थे. उन्हें बचाने की कोशिश में जाने वाला जहाज़ भी इस क्षेत्र की ओर खिंचकर समुद्र में विलीन हो गया. इस प्रकार इस बरमूडा त्रिभुज में अब तक एक हज़ार से अधिक लोगों की जाने जा चुकी हैं.
बरमूडा ट्राइऐंगल के रहस्य का अभी तक पता नहीं लग पाया है. इस क्षेत्र के रहस्य के विषय में कई सिद्धांत प्रस्तुत किए गए हैं, लेकिन उनमें कोई भी संतोषजनक नहीं है. कुछ वैज्ञानिकों का मत है कि इस क्षेत्र में वायु की विशाल तूफानी धाराएं नीचे की दिशा में बहती हैं, जो किसी भी जलयान को समुद्र में डबो देती हैं. डूबने के बाद समुद्री धाराएं उनको दूसरी दिशाओं में बहा ले जाती हैं. कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां विशाल चुम्बकीय क्षेत्र है, जो रेडियो संकेतों को काट देता है. अभी भी वैज्ञानिक इस रहस्यमय त्रिभुजाकार क्षेत्र के रहस्य की खोज में लगे हुए हैं.