💧पानी से आग कैसे बुझ जाती है?🔥
यह आम अनुभव की बात है कि आग बुझाने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता है. जब किसी मकान दुकान में आग लग जाती है, तो दमकल गाड़ियां पानी द्वारा ही आग बुझाती हैं. जहां दमकल गाड़ियों की व्यवस्था नहीं होती, वहां लोग बाल्टियों में पानी भर-भरकर आग के ऊपर फेंकते हैं, जिससे आग बुझ जाती है. क्या तुम जानते हो कि पानी आग कैसे बुझा देता है?
पानी द्वारा आग बुझाने की क्रिया को समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि आग लगती कैसे है? आग लगने के लिए तीन शर्तों का होना आवश्यक है. ये शर्ते इस प्रकार हैं
1. किसी जलने वाली वस्तु, जैसे लकड़ी, कोयला, कागज आदि का होना.
2. आग के जलने के लिए आक्सीजन गैस का होना.
3. ऊष्मा यानी गर्मी का होना. ऊष्मा द्वारा ही जलने वाली वस्तु अपने ज्वलनांक (Ignition point) तक पहुंचती है. हर वस्तु एक
निश्चित तापमान पर जलने लगती है. इसी तापमान को वस्तु का ज्वलनांक कहते हैं, जब वस्तु का तापमान ज्वलनांक तक पहुंच जाता है, तो वस्तु में आग लग जाती है, जो वायुमण्डल की आक्सीजन की सहायता से जलती ही रहती है.
आग बुझाने के लिए यदि आक्सीजन का ईंधन तक पहुंचना बंद कर दिया जाए तो आग बुझ जाएगी, क्योंकि कोई भी वस्तु बिना आक्सीजन के नहीं जल सकती. दूसरे यदि किसी भी तरीके से ईंधन का तापमान कम कर दिया जाए तो भी आग बुझ जाएगी. आग पर पानी डालने से ईधन का तापमान उसके ज्वलनांक से कम हो जाता है, क्योंकि पानी गर्मी को सोख लेता है. यही कारण है कि आग पर पानी डालने से यह बझ जाती है. पानी को धार के रूप में डालने से आग शीघ्र ही बुझ जाती है. यह तरीका आग बुझाने में अधिक प्रभावशाली सिद्ध होता है.
किंतु स्मरण रहे कि एक विशेष प्रकार की लगी आग पानी भी नहीं बुझा पाता. उदाहरण के लिए तेल या ग्रीज (Grease) में लगी आग पानी द्वारा नहीं बझाई जा सकती, क्योंकि ये पदार्थ पानी से हल्के होते हैं, पानी डालने पर ये पानी के ऊपर तैरने लगते हैं और जलते ही रहते हैं. इस प्रकार की आग बुझाने के लिए दूसरे प्रकार के अग्निशामक (Fire-extinguishers) प्रयोग में लाए जाते हैं.